Saturday, August 28, 2010
मंगल पाण्डेय
कुछ लोग मानते हैं कि हमारे देश को संघर्ष किये बिना ही स्वतंत्रता मिल गयी थी . अंग्रेजों ने आज़ादी हमे "दान" में दे दी थी . इससे बड़ा झूठ और कुछ नहीं हो सकता .
सन 1757 से ले कर 1857 का विद्रोह शुरू होने तक कि अवधि में समय-समय पर विदेशी सत्ता के खिलाफ संघर्ष होते रहे थे .
स्थानीय जानता के प्रति अँगरेज़ शासकों के संवेदनाशुन्य बर्ताव के कारण ही यह विद्रोह आरम्भ हुआ था
इस अमर चित्र कथा में नेटिव इन्फेंट्री ( देसी पैदल सेना ) के एक सिपाही मंगल पाण्डेय कि रोमांचक कहानी प्रस्तुत है
मंगल पाण्डेय की बन्दूक से निकली गोली से ही 1857 की महान क्रांति का सूत्रपात हुआ था .
श्री मनोज पाण्डेय के खजाने से .
Vintage Collection की गौरवपूर्ण प्रस्तुति .
डाउनलोड करने के लिए इस कम्युनिटी को ज्वाइन कीजिये Vintage Collection.
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